प्रोजेक्ट री-हैब
- 16 Mar 2021
( 15 March, 2021, , www.pib.gov.in )
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने 15 मार्च, 2021 को देश में मानव-हाथी टकराव को कम करने के लिए ‘मधुमक्खी-बाड़’ बनाने की एक अनूठी परियोजना ‘मधुमक्खियों के माध्यम से हाथी-मानव हमलों को कम करने की परियोजना- प्रोजेक्ट री-हैब’ (Project RE-HAB (Reducing Elephant-Human Attacks using Bees) शुरू की।
उद्देश्य: शहद वाली मधुमक्खियों का उपयोग करके मानव बस्तियों में हाथियों के हमलों को विफल करना है और इस प्रकार मनुष्य व हाथी दोनों के जीवन की हानि को कम से कम करना।
महत्वपूर्ण तथ्य: कर्नाटक के कोडागु जिले के चेलूर गांव के आसपास चार स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया। ये सभी स्थान नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व के बाहरी इलाकों में स्थित हैं।
- री-हैब परियोजना की कुल लागत सिर्फ 15 लाख रुपये है। ‘प्रोजेक्ट री-हैब’ केवीआईसी के राष्ट्रीय शहद मिशन के तहत एक उप-मिशन है।
- 2015 से 2020 तक, हाथियों के हमलों में लगभग 2500 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसमें से अकेले कर्नाटक में लगभग 170 लोगों की मौत हुई है।
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