डेनमार्क करेगा विश्व के पहले ऊर्जा द्वीप का निर्माण
- 02 Mar 2021
डेनमार्क सरकार ने 4 फरवरी, 2021 को दुनिया के पहले कृत्रिम ऊर्जा द्वीप के निर्माण की योजना के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। इस ऊर्जा द्वीप का निर्माण उत्तरी सागर में किया जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य: इस ऊर्जा द्वीप का उपयोग लगभग 3 मिलियन यूरोपीय घरों की बिजली की मांगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हरित ऊर्जा का उत्पादन और भंडारण करने के लिए किया जाएगा।
- इस ऊर्जा परियोजना पर लगभग 210 बिलियन डेनिश क्राउन का निवेश किया जायेगा। इसका निर्माण डेनमार्क के पश्चिमी तट से 80 किलोमीटर दूर किया जाएगा।
- ऊर्जा द्वीप पवन टरबाइन से घिरा होगा और इसकी शुरूआती क्षमता 3 गीगावाट होगी। डेनमार्क ने 2033 तक ऊर्जा द्वीप को चालू करने की योजना बनाई है।
- डेनमार्क ने 1990 के स्तरों की तुलना में 2030 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 70% तक कटौती करने के प्रयास के रूप में इस ऊर्जा द्वीप के निर्माण का फैसला लिया है। यह लक्ष्य देश का सबसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य है जो कानूनन बाध्यकारी है।
उत्तरी सागर: यह अटलांटिक महासागर का एक समुद्र है। यह समुद्र ग्रेट ब्रिटेन से घिरा हुआ है, इसके अलावा डेनमार्क, जर्मनी, नॉर्वे, बेल्जियम, फ्रांस और नीदरलैंड से भी इसकी सीमा लगती है। उत्तरी सागर उत्तर में नॉर्वेजियन सागर से और इंग्लिश चैनल द्वारा दक्षिण में अटलांटिक महासागर से जुड़ता है।
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