भारत का नया आर्कटिक नीति मसौदा
- 29 Jan 2021
भारत ने जनवरी 2021 में एक नई 'आर्कटिक’ नीति मसौदे का अनावरण किया है।
मुख्य उद्देश्य: आर्कटिक क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान, सतत पर्यटन तथा खनिज तेल और गैस की खोज को बढ़ावा देना।
महत्वपूर्ण तथ्य: गोवा स्थित राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (National Centre for Polar and Ocean Research-NCPOR) वैज्ञानिक अनुसंधान का नेतृत्व करेगा और इसके लिए गतिविधियों का समन्वय करने के लिए एक नोडल निकाय के रूप में कार्य करेगा।
- नीति का उद्देश्य पेट्रोलियम अनुसंधान संस्थानों में खनिज / तेल और गैस की खोज के लिए आर्कटिक से संबंधित कार्यक्रमों हेतु प्रभावी योजना तैयार करना और आर्कटिक उद्यमों के साथ जुड़ने के लिए विशेष क्षमताओं और जागरूकता के निर्माण में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों को प्रोत्साहित करना है।
- आर्कटिक अनुसंधान से भारत के वैज्ञानिक समुदाय को 'हिमालयी ग्लेशियरों' की पिघलने की दर का अध्ययन करने में मदद मिलेगी, जो भौगोलिक ध्रुवों के बाहर दुनिया के सबसे बड़े मीठे पानी के भंडार से संपन्न हैं।
- भारत ने 2007 में आर्कटिक में अपना पहला वैज्ञानिक अभियान शुरू किया था।
- 'हिमाद्री' भारत का पहला स्थायी आर्कटिक अनुसंधान स्टेशन है, जो स्पिट्सबर्गेन, स्वालबार्ड, नॉर्वे में स्थित है। इसे 2008 में भारत के दूसरे आर्कटिक अभियान के दौरान स्थापित किया गया था।
- आर्कटिक पृथ्वी के सबसे उत्तरी भाग में स्थित एक ध्रुवीय क्षेत्र है। आर्कटिक के अंतर्गत आर्कटिक महासागर, निकटवर्ती समुद्र और अलास्का (संयुक्त राज्य अमेरिका), कनाडा, फिनलैंड, ग्रीनलैंड (डेनमार्क), आइसलैंड, नॉर्वे, रूस और स्वीडन को शामिल किया जाता है।
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