एनसीएवीईएस इंडिया फोरम 2021
- 16 Jan 2021
जनवरी 2021 में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा आभासी प्रारूप में संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग (UNSD), यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के सहयोग से ‘एनसीएवीईएस इंडिया फोरम 2021' (NCAVES India Forum 2021) का आयोजन किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य: 2017 में, यूरोपीय संघ ने 'प्राकृतिक पूंजी लेखा और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का मूल्यांकन- एनसीएवीईएस' (Natural Capital Accounting and Valuation of Ecosystem Services- NCAVES) नामक एक परियोजना शुरू की।
- इस परियोजना का उद्देश्य राष्ट्रों को ‘पर्यावरण-आर्थिक लेखांकन’ विशेष रूप से ‘पारिस्थितिक तंत्र लेखांकन’ पर ज्ञान को आगे बढ़ाने में मदद करना है ताकि सतत आर्थिक विकास सुनिश्चित किया जा सके।
- एनसीएवीईएस परियोजना को पांच देशों - भारत, ब्राजील, चीन, मैक्सिको और दक्षिण अफ्रीका में संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी प्रभाग (UNSD), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और जैव विविधता अभिसमय (CBD) सचिवालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- 'प्राकृतिक पूंजी' नवीकरणीय और गैर-नवीकरणीय संसाधनों (जैसे पौधों, जानवरों, हवा, पानी, मिट्टी, खनिज) के भंडार के लिए प्रयुक्त एक शब्द है, जो लोगों को लाभों के प्रवाह के लिए जोड़ती है।
- ‘प्राकृतिक पूंजी लेखा’ व्यक्तिगत पर्यावरणीय संपत्ति या जैविक और अजैविक संसाधनों (जैसे पानी, खनिज, ऊर्जा, लकड़ी, मछली) के लिए लेखांकन के साथ-साथ पारिस्थितिकी तंत्र परिसंपत्तियों (जैसे वन; आर्द्रभूमि), जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के लेखांकन को कवर करता है।
- सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने पिछले तीन वर्षों के दौरान एनसीएवीईएस परियोजना के तहत कई पहल शुरू की हैं।
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