भूभौतिकीय सर्वेक्षण 'मैग्नेटो-टेल्यूरिक'
- 09 Jan 2021
जनवरी 2021 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अनुसार पिछले साल दिल्ली-एनसीआर में कम तीव्रता के कई भूकंपों की पृष्ठभूमि में, राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Centre for Seismology- NCS) द्वारा इस क्षेत्र में संभावित भूकंपीय खतरों का सही आकलन करने हेतु एक विशिष्ट भूभौतिकीय सर्वेक्षण 'मैग्नेटो-टेल्यूरिक' (Magneto-telluric Survey) किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली में अप्रैल से अगस्त, 2020 के दौरान 4 छोटे-छोटे भूकंप आये थे।
- इन सभी घटनाओं का स्थान-निर्धारण राष्ट्रीय भूकंपीय नेटवर्क (एनएसएन) द्वारा किया गया, जिसका संचालन और रख-रखाव पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र द्वारा किया जाता है।
मैग्नेटोटेल्यूरिक: मैग्नेटो-टेल्यूरिक (एमटी) एक भूभौतिकीय पद्धति है, जो भूगर्भीय (भूमिगत) संरचना और प्रक्रियाओं को समझने के लिए पृथ्वी के चुंबकीय और विद्युत क्षेत्रों के ‘प्राकृतिक समय भिन्नता’ (natural time variation) का उपयोग करती है। यह काफी विश्वसनीय तकनीक मानी जाती है।
- ये मापन तीन प्रमुख भूकंपीय स्रोतों, अर्थात् महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट, सोहना फॉल्ट और मथुरा फॉल्ट में किए जा रहे हैं।
- सर्वेक्षण से द्रव की उपस्थिति का पता लगाया जायेगा, जो आमतौर पर भूकंप के पैदा होने की संभावना को बढ़ाता है।
- यह सर्वेक्षण वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, देहरादून के सहयोग से किया जा रहा है।
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