भारत ने शुरू किया सहजन पाउडर का निर्यात
- 07 Jan 2021
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार सहजन में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की वजह से उसकी दुनिया भर में तेजी से मांग बढ़ने के चलते भारत ने सहजन पाउडर का निर्यात शुरू किया है। 29 दिसंबर, 2020 को दो टन जैविक सहजन के पाउडर का निर्यात अमेरिका को हवाई मार्ग के जरिए किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य: सहजन को 'मोरिंगा' या 'ड्रमस्टिक' (Drumsticks) के रूप में भी जाना जाता है, जिसका उपयोग सदियों से विभिन्न रूपों में औषधीय और स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता रहा है।
- सहजन का वानस्पतिक नाम ‘मोरिंगा ओलीफेरा’ (Moringa oleifera) है। सहजन उत्तरी भारत के उप-हिमालयी इलाकों में एक तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है। यह लंबे समय तक सूखे की स्थिति में भी उग जाता है और पोषण का एक विश्वसनीय स्रोत है।
- सहजन के बीज खाद्य और गैर-खाद्य अनुप्रयोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन हैं। इसकी पत्तियां प्रोटीन, खनिज, बीटा-कैरोटीन और एंटीऑक्सिडेंट यौगिकों से समृद्ध हैं, और न केवल मानव और पशु पोषण के लिए, बल्कि पारंपरिक चिकित्सा में भी उपयोग की जाती हैं।
- इसके बीज का उपयोग पेट दर्द, अल्सर, जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए और पाचन समस्याओं के लिए किया जाता है। इसी कारण सहजन की पत्तियों से बने पाउडर और सहजन के तेल की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है।
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