उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020
- 27 Nov 2020
- 24 नवंबर, 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ को मंजूरी दी गई।
- शादी करने के लिए बलपूर्वक या धोखा देकर अथवा दबाव डालकर कराए जाने वाले धर्म परिवर्तन के मामलों पर अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान।
- अगर कोई व्यक्ति यह साबित नहीं कर पाता है कि महिला का धर्म परिवर्तन किसी दबाव, धोखे या लालच में या महज शादी करने के लिए नहीं कराया गया है, तो उसे 15 हजार रुपए के जुर्माने के साथ 1 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान।
- अगर महिला अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति समाज से है, तो ऐसी दशा में कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल तक की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान।
- सामूहिक तौर पर धर्म परिवर्तन कराये जाने के मामले में भी कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल तक की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान।
- धर्म परिवर्तन के इच्छुक होने पर जिला मजिस्ट्रेट को 2 माह पूर्व सूचना देनी होगी। उल्लंघन किए जाने पर कम से कम 6 माह और अधिकतम 3 साल तक की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान
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