निमोनिया और डायरिया प्रगति रिपोर्ट 2020
- 25 Nov 2020
नवंबर 2020 में अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन एक्सेस सेंटर (International Vaccine Access Centre– IVAC) द्वारा वार्षिक ‘निमोनिया और डायरिया प्रगति रिपोर्ट 2020’ जारी की गई।
महत्वपूर्ण तथ्य: निमोनिया और डायरिया के कारण होने वाली बच्चों की मौतों को रोकने के लिए भारत ने अपने टीकाकरण कवरेज में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
- हालाँकि, कुल मिलाकर विश्व की स्वास्थ्य प्रणालियां बच्चों के लिए बीमारी की रोकथाम और उपचार सेवाओं तक पहुँच उपलब्ध कराने में पूर्णतया सफल नहीं हो पा रही हैं, फिर भी भारत ने रिपोर्ट में कवरेज संबंधी निगरानी किये जाने वाले पाँच टीकों में से तीन टीकों के लिए 90% कवरेज का वैश्विक लक्ष्य हासिल कर लिया है।
- रिपोर्ट में कवरेज निगरानी किये गए टीके डिप्थीरिया, पर्टुसिस (काली खांसी) और टेटनस (DPT) वैक्सीन, खसरा-रोधी वैक्सीन की पहली खुराक, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (Pneumococcal Conjugate Vaccine- PCV) और रोटावायरस वैक्सीन हैं।
- 2019 में भारत ने अभूतपूर्व तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर रोटावायरस वैक्सीन का ‘100-दिवसीय एजेंडा’ भी पूरा कर लिया है। यह महत्वपूर्ण वैक्सीन विस्तार, रोटावायरस डायरिया के जानलेवा मामलों में प्रतिवर्ष 26 मिलियन बच्चों को बचाने में मदद करेगा।
- भारत में रोटावायरस वैक्सीन के कवरेज में 18% की वृद्धि हुई, जो 2018 में 35% से बढ़कर 2019 में 53% तक हो गया।
- रिपोर्ट में नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों से 10 संकेतकों का विश्लेषण करके प्रगति पर निगरानी की गई, जिसमें स्तनपान, टीकाकरण, देखभाल और एंटीबायोटिक्स, ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशन (ओआरएस), और जिंक अनुपूरण शामिल है।
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