एलएनजी ईंधन स्टेशनों की योजना
- 21 Nov 2020
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 19 नवंबर, 2020 को पहले 50 एलएनजी ईंधन स्टेशनों की आधारशिला रखी, जोकि स्वर्णिम चतुर्भुज और प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थापित किए जाएंगे।
महत्वपूर्ण तथ्य: एलएनजी ईंधन स्टेशनों की योजना प्रधानमंत्री के भारत को गैस आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने के दृष्टिकोण को साकार करने में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की पहल का एक हिस्सा है।
- ये 50 एलएनजी स्टेशन देश के तेल और गैस की बड़ी कंपनियों जैसे आईओसीएल, बीपीसीएल, एचपीसीएल, गेल, पीएलएल, गुजरात गैस और उनकी संयुक्त उद्यम कंपनियों और सहायक कंपनियों द्वारा तैयार किए जाएंगे।
- एलएनजी यानी तरलीकृत प्राकृतिक गैस, जो कि लाखों वर्षों से कार्बनिक पदार्थों के परिवर्तन से बनती है, जैसे कि प्लवक और शैवाल। प्राकृतिक गैस में लगभग 95% मीथेन होती है, जो वास्तव में सबसे स्वच्छ जीवाश्म ईंधन है।
- एलएनजी न केवल डीजल की तुलना में लगभग 40% सस्ती है, बल्कि इससे प्रदूषण भी बहुत कम होता है। ट्रकों में एलएनजी का उपयोग सल्फर ऑक्साइड (SOX) उत्सर्जन को 100% और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOX) उत्सर्जन को 85% तक कम कर सकता है।
- स्वर्णिम चतुर्भुज पर 200-300 किमी. की दूरी पर एलएनजी स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। अगले तीन सालों में सभी प्रमुख सड़कों, औद्योगिक केंद्रों और खनन क्षेत्रों पर 1000 एलएनजी स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
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