इमरजेंसी रिट्रीवल सिस्टम
- 17 Nov 2020
( 16 November, 2020, , www.pib.gov.in )
वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की चेन्नई स्थित घटक प्रयोगशाला स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर (Structural Engineering Research Centre- SERC) ने नवंबर 2020 में ट्रांसमिशन लाइन टॉवरों की विफलता की स्थिति में बिजली संचरण की त्वरित बहाली (retrieval) के लिए एक स्वदेशी तकनीक, इमरजेंसी रिट्रीवल सिस्टम (Emergency Retrieval System- ERS) विकसित किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य: वर्तमान में ईआरएस सिस्टम आयात किए जाते हैं। दुनिया भर में इसके बहुत कम निर्माता हैं और लागत अपेक्षाकृत अधिक है।
- यह तकनीकी विकास पहली बार भारत में विनिर्माण को सक्षम करेगा, जो आयात का विकल्प उपलब्ध कराएगा और इसमें आयातित प्रणालियों का लगभग 40% खर्च होगा।
- ईआरएस एक हल्का मॉड्यूलर सिस्टम (lightweight modular system) है, जिसका इस्तेमाल चक्रवात/भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं, या मानव निर्मित व्यवधानों के दौरान ट्रांसमिशन लाइन टॉवरों के गिरने के तुरंत बाद बिजली को बहाल करने के लिए अस्थायी अवलंब संरचना (temporary support structure) के रूप में किया जाता है।
- 2-3 दिनों में बिजली की बहाली के लिए आपदा स्थल पर ईआरएस को जल्दी से असेंबल किया जा सकता है, जबकि स्थायी बहाली में कई सप्ताह लग सकते हैं।
- इसे 33 से 800 केवी श्रेणी की बिजली लाइनों के लिए विस्तारीय प्रणाली (scalable system) के रूप में डिजाइन किया गया है।
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