'चावल को पोषणयुक्त बनाने और वितरण’ संबंधित योजना
- 04 Nov 2020
( 03 November, 2020, , www.pib.gov.in )
नवंबर 2020 में देश में पोषण सुरक्षा को व्यावहारिक रूप देने की प्रक्रिया के तहत, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) द्वारा 'चावल को पोषणयुक्त बनाने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए इसके वितरण के लिए एक केंद्र प्रायोजित प्रायोगिक योजना' चलायी जा रही है।
महत्वपूर्ण तथ्य: 174.6 करोड़ रुपये के कुल बजट आवंटन के साथ इस प्रायोगिक योजना को 2019-2020 से शुरू तीन साल की अवधि के लिए मंजूरी दी गई है।
- प्रायोगिक योजना को लागू करने के लिए 15 राज्य सरकारों ने अपने-अपने जिलों की (प्रति राज्य एक जिला) पहचान की है।
- पांच राज्यों आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ ने पहले ही अपने-अपने जिलों में इस पोषणयुक्त चावल का वितरण शुरू कर दिया है।
- भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) इस योजना को 2021-22 के लिए समन्वित बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) और मिड-डे-मील (एमडीएम) योजनाओं के तहत तैयार करेगा।
- योजना के तहत देश के 112 विशेष रूप से पहचाने गए महत्वकांक्षी जिलों को पोषणयुक्त चावल की आपूर्ति करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- उक्त लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ‘पोषणयुक्त चावल कार्नेल’ (Fortified Rice Kernels- FRK) की आपूर्ति बढ़ाने की जरूरत है, जो कि वर्तमान में मात्र 15,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष है।
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