बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना दूसरा व तीसरा चरण
- 30 Oct 2020
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 29 अक्टूबर, 2020 को विश्व बैंक और एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक की वित्तीय सहायता प्राप्त ‘बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना’ (Dam Rehabilitation and Improvement Project- DRIP) चरण-II और चरण III को मंजूरी प्रदान की।
उद्देश्य: पूरे देश के कुछ चयनित बांधों की सुरक्षा और परिचालन में सुधार करना तथा ‘प्रणाली के व्यापक प्रबंधन दृष्टिकोण’ के साथ ‘संस्थागत सुदृढ़ीकरण’ करना।
महत्वपूर्ण तथ्य: परियोजना की लागत 10,211 करोड़ रुपये है। परियोजना लागू करने की अवधि 10 वर्ष है और इसमें दो चरण शामिल हैं। प्रत्येक चरण छ: वर्षों का होगा तथा इसमें अप्रैल, 2021 से मार्च, 2031 तक, दो वर्षों की पुनरावृति (overlapping) अवधि शामिल है।
- जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय द्वारा केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के माध्यम से विश्व बैंक की सहायता से अप्रैल 2012 में बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना शुरू की गई थी।
- इस योजना के पहले चरण को 2100 करोड़ रुपये की कुल मूल लागत के साथ छ: साल के लिए (जून 2018) तक निर्धारित किया गया था। बाद में इसे 2020 तक विस्तारित किया गया था।
- ज्ञात हो कि बड़े बांधों की संख्या के मामले में चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे नंबर पर है और यहां 5,334 बड़े बांध हैं।
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