स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 रिपोर्ट
- 23 Oct 2020
21 अक्टूबर, 2020 को ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के सहयोग से ‘हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टिट्यूट’ (HEI) तथा ‘इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन’ (IHME) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर (State of Global Air) रिपोर्ट 2020 जारी की गई।
महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में, वर्ष 2019 के दौरान, बाहरी और घरेलू वायु प्रदूषण के दीर्घकालिक संपर्क के कारण होने वाली बीमारियों, जैसे कि- आघात (stroke), दिल का दौरा, मधुमेह, फेफड़ों के कैंसर, पुरानी फेफड़ों की बीमारियों तथा नवजात शिशुओं की बीमारियों समेत 1.67 मिलियन से अधिक मौतें हुई थी।
- कुल मिलाकर, भारत में सभी स्वास्थ्य कारणों से होने वाली मौतों के लिए वायु प्रदूषण अब सबसे बड़ा कारक है।
- नवजात शिशुओं की ज्यादातर मौतें जन्म के समय कम वजन और समय-पूर्व जन्म से उत्पन्न जटिलताओं से संबंधित थीं।
- 2019 में बाहरी और घरेलू पार्टिकुलेट मैटर (PM) प्रदूषण से जन्म के पहले माह में भारत में 1,16,000 शिशुओं सहित विश्व में लगभग 5,00,000 शिशुओं की मृत्यु हुई।
- भारत में विश्व का सर्वाधिक प्रति व्यक्ति प्रदूषण संपर्क जोखिम (83.2 μg/क्यूबिक मीटर) पाया जाता है। इसके बाद नेपाल में 83.1 μg/क्यूबिक मीटर तथा नाइजर में 80.1 μg/क्यूबिक मीटर प्रति व्यक्ति प्रदूषण संपर्क जोखिम पाया जाता है।
- रिपोर्ट के अनुसार भारत 2010 के बाद से पीएम 2.5 प्रदूषण में वृद्धि दर्ज कर रहा है, जो देश में वार्षिक वायु प्रदूषण स्तर में कमी के केंद्र के दावों के विपरीत है।
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