पंचायत प्रगति सूचकांक (PAI) 2022-23 रिपोर्ट जारी

  • 10 Apr 2025

9 अप्रैल 2025 को, पंचायती राज मंत्रालय ने पंचायत प्रगति सूचकांक (PAI) 2022-23 की पहली बेसलाइन रिपोर्ट जारी की। यह सूचकांक भारत के 2.5 लाख ग्राम पंचायतों की प्रगति को मापने और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को स्थानीय स्तर पर लागू करने में मदद करता है।

मुख्य तथ्य और आंकड़े

  • PAI का उद्देश्य: PAI नौ विषयों पर आधारित है, जैसे गरीबी मुक्त पंचायत, स्वस्थ पंचायत, जल-संपन्न पंचायत, महिला अनुकूल पंचायत आदि। यह सूचकांक 435 स्थानीय संकेतकों और 566 डेटा बिंदुओं के माध्यम से पंचायतों की प्रगति को मापता है।
  • ग्राम पंचायतों का प्रदर्शन:
    • कुल 2,55,699 ग्राम पंचायतों में से 2,16,285 ने मान्य डेटा प्रस्तुत किया।
    • 699 (0.3%) पंचायतें "फ्रंट रनर" श्रेणी में थीं।
    • 77,298 (35.8%) "परफॉर्मर" श्रेणी में थीं।
    • 1,32,392 (61.2%) "आस्पिरेंट" श्रेणी में थीं।
    • 5,896 (2.7%) "बिगिनर" स्तर पर थीं।
  • राज्यवार प्रदर्शन: गुजरात ने 346 फ्रंट रनर पंचायतों के साथ नेतृत्व किया, जबकि तेलंगाना में 270 फ्रंट रनर थीं। बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में बड़ी संख्या में "आस्पिरेंट" पंचायतें हैं।
  • PAI पोर्टल: PAI पोर्टल एक बहुभाषी डेटा प्रबंधन प्लेटफॉर्म है, जिसमें ग्राम पंचायतें अपनी विकासात्मक मेट्रिक्स दर्ज कर सकती हैं। पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 11,712 पंचायतों का डेटा अभी तक सत्यापित नहीं हुआ है।
  • स्थानीय विकास पर प्रभाव: सूचकांक नीति निर्माताओं को जमीनी स्तर पर प्रगति का आकलन करने और रणनीतियों को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है और साक्ष्य-आधारित योजना को सक्षम बनाता है।