एक-सींग वाले गैंडे की संख्या में वृद्धि
- 20 Mar 2025
19 मार्च 2025 को, पश्चिम बंगाल में एक-सींग वाले गैंडे की आबादी 229 से बढ़कर 392 हो गई है। यह जानकारी हाल ही में किए गए गैंडे की जनगणना के परिणामों से सामने आई है।
मुख्य तथ्य:
- गणना का क्षेत्र : गैंडे की जनगणना 5 और 6 मार्च 2025 को जलदापारा राष्ट्रीय उद्यान, गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान, चापरामारी वन्यजीव अभयारण्य और जलपाईगुड़ी रिजर्व वन के कुछ हिस्सों में की गई थी।
- भारतीय गैंडे: एक सींग वाले गैंडे, जिन्हें "भारतीय गैंडे" भी कहते हैं, दुनिया में गैंडों की पाँच प्रजातियों में से एक हैं। इनकी खास पहचान उनकी मोटी, आर्मर जैसी त्वचा और एक सींग के कारण होती है।
- IUCN की रेड लिस्ट: एक सींग वाले गैंडे IUCN की रेड लिस्ट में "संकटग्रस्त" (Vulnerable) श्रेणी में आते हैं और इनके संरक्षण के लिए कई प्रयास चल रहे हैं।
- संरक्षण के क्षेत्र :भारत में ये प्रजाति मुख्य रूप से असम राज्य के काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, मानस राष्ट्रीय उद्यान, और पश्चिम बंगाल के जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान जैसे क्षेत्रों में सुरक्षित है।
- काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान: काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में एक सींग वाले गैंडों की संख्या लगभग 2,613 है (2022 की गणना के अनुसार)। यह उद्यान दुनिया में एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी का घर है। संरक्षण प्रयासों और सख्त सुरक्षा उपायों के कारण इनकी संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
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