मृदा उर्वरता मानचित्रण

  • 12 Mar 2025

11 मार्च, 2025 को, भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने मृदा उर्वरता मानचित्रण पर जानकारी दी। यह प्रयास मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) योजना के तहत किया जा रहा है, जिसमें जियो-स्पेशियल तकनीकों का उपयोग करके जिला/गाँव स्तर पर डिजिटल मृदा उर्वरता मानचित्र तैयार किए जा रहे हैं।

मुख्य तथ्य

  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना: इस योजना के तहत राज्यों को एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन (INM) को बढ़ावा देने में मदद की जाती है, जिसमें रासायनिक उर्वरकों के साथ-साथ जैविक खाद और जैव उर्वरकों का संयुक्त उपयोग शामिल है।
  • मृदा नमूनों का विश्लेषण: मृदा नमूनों का विश्लेषण pH, विद्युत चालकता (EC), कार्बनिक कार्बन, उपलब्ध नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सल्फर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (जिंक, तांबा, लोहा, मैंगनीज और बोरॉन) जैसे विभिन्न पैरामीटर्स के लिए किया जाता है।
  • महाराष्ट्र में मृदा उर्वरता मानचित्रण: महाराष्ट्र के 34 जिलों में फैले 351 गाँवों के लिए मृदा उर्वरता मानचित्र तैयार किए गए हैं। यह मानचित्र किसानों को उर्वरकों के सटीक उपयोग में मदद करते हैं।
  • जियो-स्पेशियल तकनीकों का उपयोग: मृदा उर्वरता मानचित्रण में रिमोट सेंसिंग और AI आधारित टूल्स का उपयोग किया जाता है। मृदा नमूनों को जीपीएस के माध्यम से जियो-कोड किया जाता है और एक अद्वितीय QR कोड सौंपा जाता है।
  • किसानों के लिए लाभ: मृदा स्वास्थ्य कार्ड डेटा किसानों को पंजीकृत मोबाइल नंबर के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। यह किसानों को सटीक उर्वरक उपयोग के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।