पर्यावरण अनुकूल लिथियम-सल्फर (Li-S) बैटरी प्रौद्योगिकी
- 25 Aug 2020
अगस्त 2020 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे और शिव नादर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पर्यावरण अनुकूल लिथियम-सल्फर (Li-S) बैटरी के उत्पादन के लिए एक नई प्रौद्योगिकी विकसित की है।
महत्वपूर्ण तथ्य: यह बैटरी इस समय इस्तेमाल की जा रहीं लीथियम-आयन बैटरियों की तुलना में तीन गुना अधिक ऊर्जा क्षमता वाली और किफायती होंगी।
- लिथियम-सल्फर बैटरी प्रौद्योगिकी ‘हरित रसायन विज्ञान’ सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें पेट्रोलियम उद्योग के सह-उत्पादों (सल्फर), कृषि-अपशिष्ट तत्व और कार्डेनॉल (काजू प्रसंस्करण का एक सह-उत्पाद) जैसे कोपॉलीमर्स और यूजीनॉल (लौंग का तेल) जैसे कैथोडिक सामग्री का उपयोग शामिल है।
- यूजेनॉल पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ, हैलोजन-मुक्त, लौ-मंदक है और दहनशील प्रवृत्ति को कम करता है, जिससे बैटरी उपयोग के लिए सुरक्षित हो जाती है।
- ऐसी बैटरियों पर आधारित कारोबार जैसे तकनीकी गैजेट, ड्रोन, विद्युत चालित वाहन और कई अन्य उत्पादों के कारोबार को इस प्रौद्योगिकी में अरबों डॉलर की सहायता की क्षमता है।
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