समुद्र का बढ़ता जल स्तर
- 24 Feb 2025
23 फरवरी, 2025 को "2000 से 2023 तक वैश्विक ग्लेशियर द्रव्यमान परिवर्तनों का सामुदायिक अनुमान" नामक एक अध्ययन से यह ज्ञात हुआ है कि पिघलते ग्लेशियरों ने इस सदी में समुद्र स्तर में लगभग 2 सेमी की वृद्धि की है। यह वृद्धि, जो कि मामूली लग सकती है, विश्वभर में तटीय समुदायों के लिए महत्वपूर्ण खतरे पैदा कर रही है।
मुख्य तथ्य और आंकड़े:
- वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि: 1880 से वैश्विक समुद्र स्तर में लगभग 21 सेमी की वृद्धि हुई है, जिसमें हाल के वर्षों में 0.42 सेमी प्रति वर्ष की दर से तेजी आई है।
- ग्लेशियर पिघलना: पिछले 25 वर्षों में ग्लेशियरों ने प्रतिवर्ष 273 अरब टन बर्फ खोई है, जो समुद्र स्तर में वृद्धि का कारण बन रही है।
- मुंबई की संवेदनशीलता: मुंबई की औसत ऊंचाई समुद्र स्तर से लगभग 10 मीटर है, जिससे यह भविष्य में समुद्र स्तर में वृद्धि के लिए अत्यधिक संवेदनशील है। मुंबई जैसे शहरों ने समुद्र स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जिसमें 1987 से 2021 के बीच मुंबई में 4.44 सेमी की वृद्धि हुई है, जो भारतीय शहरों में सबसे अधिक है।
- क्षेत्रीय भिन्नताएं: दक्षिण-पश्चिम भारतीय महासागर क्षेत्र में समुद्र स्तर में प्रति वर्ष 2.5 मिमी की दर से वृद्धि हो रही है, जो वैश्विक औसत से अधिक है।
- प्रोजेक्टेड प्रभाव: 2050 तक, वैश्विक समुद्र स्तर में और 20 सेमी की वृद्धि होने की संभावना है, जो पिछले 100 वर्षों में हुए परिवर्तन को दोगुना कर देगा और बाढ़ की घटनाओं को बढ़ा देगा।
- अन्य अध्ययन : नासा द्वारा वित्त पोषित एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि वर्ष 2100 तक, यदि 1.5 डिग्री सेल्सियस की तापमान वृद्धि बनी रहे रहे तो ग्लेशियरों का 40% द्रव्यमान खो सकता है, जिससे समुद्र स्तर में बड़ी वृद्धि होगी।
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