तमिलनाडु में लौह युग: वैश्विक इतिहास में नया आयाम

  • 25 Jan 2025

25 जनवरी 2025 को, एक रिपोर्ट “आयरन की प्राचीनता: तमिलनाडु से हाल की रेडियोमेट्रिक तिथियां” ("Antiquity of Iron: Recent Radiometric Dates from Tamil Nadu") ने तमिलनाडु में लौह युग की शुरुआत को वैश्विक इतिहास में 2,000 साल पीछे ले जाने का दावा किया। इस रिपोर्ट को के. राजन (पांडिचेरी विश्वविद्यालय) और आर. सिवनंथम (तमिलनाडु राज्य पुरातत्व विभाग) ने प्रस्तुत किया।

मुख्य तथ्य:

  • लौह युग की समयसीमा: तमिलनाडु में लौह युग का प्रमाण 3345 ईसा पूर्व तक जाता है, जो पहले माने गए 1500-2000 ईसा पूर्व से बहुत पहले है।
  • स्थल और तिथियां:
    • सिवागलई: पॉटशर्ड्स (2953-3345 ईसा पूर्व) और धान (1155 ईसा पूर्व) मिले हैं।
    • मायिलाडुमपरई: नमूने 2172 ईसा पूर्व के हैं ।
    • किलनमंडी: सर्कोफैगस दफन स्थल 1692 ईसा पूर्व का है ।
  • तकनीकी नवाचार: 1,300°C तक तापमान वाली लौह गलाने की भट्टियां (कोडुमनाल, चेट्टीपालायम, पेरुंगलूर)। तीन प्रकार की भट्टियां, जो प्राचीन धातुकर्म तकनीकों का प्रमाण देती हैं।
  • वैश्विक चुनौती: यह खोज हित्ताइट साम्राज्य (1300 ईसा पूर्व) को लौह युग का केंद्र मानने वाली धारणा को चुनौती देती है।
  • सांस्कृतिक समानता: अध्ययन में उत्तर भारत के तांबा युग और दक्षिण भारत के लौह युग के समकालीन होने की संभावना जताई गई।