भारत के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 7.93% की कमी
- 13 Jan 2025
12 जनवरी 2025 को भारत ने जलवायु परिवर्तन और सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन में 2019 की तुलना में 2020 में 7.93% की कमी दर्शाई। यह आंकड़े भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मेलन (UNFCCC) के तहत प्रस्तुत चौथी द्विवार्षिक अद्यतन रिपोर्ट (BUR-4) में शामिल हैं।
मुख्य बिंदु :
- GHG उत्सर्जन: 2020 में भारत का कुल उत्सर्जन 2,959 मिलियन टन CO2e (कार्बन डाइऑक्साइड समतुल्य) था। भूमि उपयोग और वानिकी परिवर्तन (LULUCF) सहित यह 2,437 मिलियन टन था।
- मुख्य योगदानकर्ता: ऊर्जा क्षेत्र ने 75.66% उत्सर्जन का योगदान दिया। साथ ही, अन्य भूमि उपयोग के तहत 522 मिलियन टन CO2 का अवशोषण हुआ।
- प्रतिबद्धता : भारत ने 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन प्राप्त करने और जलवायु अनुकूल नीतियां अपनाने का संकल्प लिया है।
- वैश्विक हिस्सेदारी: 1850 से 2019 के बीच वैश्विक उत्सर्जन में भारत का ऐतिहासिक हिस्सा केवल 4% रहा है, जबकि वैश्विक जनसंख्या में भारत की हिस्सेदारी 17% है।
- ग्रीनहाउस गैस में कमी लाने की दिशा में प्रमुख योजनाएं:
- दीर्घकालिक कम उत्सर्जन विकास रणनीति (LT-LEDS)।
- "एक पेड़ माँ के नाम" और "मिश्टी" जैसी योजनाएं।
- स्मार्ट सिटी मिशन और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP)।
- दीर्घकालिक कम उत्सर्जन विकास रणनीति (LT-LEDS)।
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