यमुना नदी में पाये गए डब्ल्यूएचओ द्वारा सूचीबद्ध महत्वपूर्ण रोगजनक
- 13 Aug 2020
अगस्त 2020 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के एक अध्ययन के अनुसार यमुना नदी में कुछ मल्टीड्रग-प्रतिरोधी बैक्टीरिया पाये गए हैं। नदी में इनके प्रवेश का मुख्य स्रोत वाहित मल( sewage) था।
महत्वपूर्ण तथ्य: 2017 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी 'प्राथमिक रोगजनकों', बैक्टीरिया जो मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा पैदा करते हैं, की पहली सूची प्रकाशित की थी।
- सूची में सबसे ऊपर नई एंटीबायोटिक दवाओं की तत्काल आवश्यकता वाले रोगजनकों के सबसे महत्वपूर्ण समूह को शामिल किया गया था।
- टीम ने नई दिल्ली में पांच स्थानों पर 20 प्रमुख सीवर नालियों और यमुना नदी का अध्ययन किया और सभी नमूनों में प्रचुर मात्रा में 'फेकल कॉलिफॉर्म' (Faecal Coliform) को अलग किया। फेकल कॉलिफॉर्म बैक्टीरिया अपशिष्ट जल के माध्यम से नदियों में प्रवेश कर जाते हैं।
- अध्ययन में ऐसे बैक्टीरिया भी पाए गए, जो विस्तारित बीटा-लैक्टामेस (Beta-lactamases) का उत्पादन करते हैं। ये एंजाइम आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले एंटीबायोटिक दवा के प्रतिरोध के लिए बैक्टीरिया की मदद करते हैं।
- संभवतः आलीशान (पॉश) इलाकों में उन्नत एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक उपयोग और अत्यधिक मानवजनित गतिविधियों के कारण निकास प्रणालियों में प्रतिरोधी बैक्टीरिया बहुतायत में थे।
- ये प्रतिरोधी बैक्टीरिया नदी के जल के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं और इसके मनुष्यों और जानवरों में फैलने की भी अधिक संभावना है।
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