वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2020

  • 23 Jul 2020

16 जुलाई, 2020 को 'संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम' (UNDP) और 'ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल' (OPHI) द्वारा ‘वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2020’ जारी किया गया।

रिपोर्ट शीर्षक: 'बहुआयामी गरीबी से बाहर निकलने की रास्ता तैयार करना: एसडीजी को हासिल करना' (Charting pathways out of multidimensional poverty: Achieving the SDGs)

महत्वपूर्ण तथ्य: 107 विकासशील देशों में, 1.3 बिलियन लोग (22%) बहुआयामी गरीबी से प्रभावित हैं।

  • बच्चे बहुआयामी गरीबी की उच्च दर प्रदर्शित करते हैं। बहुआयामी गरीब लोगों में से लगभग आधे (644 मिलियन) 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं। छ: वयस्कों में से एक की तुलना में तीन में से एक बच्चा गरीब है।

  • उप-सहारा अफ्रीका (558 मिलियन) और दक्षिण एशिया (530 मिलियन) में लगभग 84.3% बहुआयामी गरीब लोग रहते हैं।

  • 107 मिलियन बहुआयामी रूप से गरीब लोग 60 या उससे अधिक उम्र के हैं। 65 देशों ने अपने वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) में काफी कमी दर्ज की है।

  • चार देशों ने अपने बहुआयामी गरीबी को आधा कर दिया है। भारत ने 10 वर्षों (2005/06 - 2015/16) में राष्ट्रीय स्तर पर 273 मिलियन लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला है।

बहुआयामी गरीबी: बहुआयामी गरीबी दैनिक जीवन में गरीब लोगों द्वारा अनुभव किए गए विभिन्न अभावों को समाहित करती है - जैसे खराब स्वास्थ्य, शिक्षा की कमी, जीवन स्तर में अपर्याप्तता, बेरोजगारी, काम की खराब गुणवत्ता आदि।

सूचकांक आयाम तथा संकेतक: यह बताता है कि लोग 10 संकेतक सहित तीन प्रमुख आयामों 'स्वास्थ्य', 'शिक्षा' और 'जीवन स्तर' में कैसे पीछे छूट जाते हैं। जो लोग इन भारित संकेतकों में से कम से कम एक तिहाई में अभाव का अनुभव करते हैं, वे बहुआयामी रूप से गरीब की श्रेणी में आते हैं।

गरीबी का आयाम

संकेतक

भारिता

 

स्वास्थ्य

पोषण

1/6

बाल मृत्यु दर

1/6

 

शिक्षा

स्कूली शिक्षा के वर्ष

1/6

विद्यालय उपस्तिथि

1/6

 

 

 

जीवन स्तर

पेयजल

1/18

खाना पकाने का ईंधन

1/18

स्वच्छता

1/18

आवास

1/18

बिजली

1/18

परिसंपति

1/18