बिहार अब मछली के उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भर
- 25 Nov 2023
बिहार अब मछली के उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भर हो चुका है। राज्य में प्रत्येक वर्ष 8.02 लाख मीट्रिक टन मछली की मांग के मुकाबले वर्तमान में 7.62 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है।
- मछली उत्पादन में बिहार अब देश के शीर्ष 4 राज्यों में शामिल हो गया है। बिहार में मछली पालन में सबसे बड़ा योगदान शेखपुरा ज़िले का है।
- राज्य में वर्तमान में प्रत्येक वर्ष प्रति व्यक्ति 6.464 किलोग्राम मछली की खपत है।
- बिहार में कतला मछली की खपत सर्वाधिक है। वहीं रोहू दूसरे स्थान पर तथा मृगल (नैनी) का इस संदर्भ में तीसरा स्थान है।
- कतला मछली का बिहार में उत्पादन 164.189 हज़ार मीट्रिक टन है। रोहू का उत्पादन 154.794 हज़ार मीट्रिक टन तथा मृगल का उत्पादन 107.586 हज़ार मीट्रिक टन है।
- राज्य में पंगेशियस, कॉमन, सिल्वर और ग्रास कार्प का भी उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है।
- राज्य भर से अभी 37.0545 हज़ार मीट्रिक टन मछलियाँ दूसरे राज्यों में भेजी जा रही हैं।
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
सामयिक खबरें
राष्ट्रीय
- राजनीति और प्रशासन
- अवसंरचना
- आंतरिक सुरक्षा
- आदिवासियों से संबंधित मुद्दे
- कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ
- कार्यकारी और न्यायपालिका
- कार्यक्रम और योजनाएँ
- कृषि
- गरीबी और भूख
- जैवविविधता संरक्षण
- पर्यावरण
- पर्यावरण प्रदूषण, गिरावट और जलवायु परिवर्तन
- पारदर्शिता और जवाबदेही
- बैंकिंग व वित्त
- भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह
- भारतीय अर्थव्यवस्था
- रक्षा और सुरक्षा
- राजव्यवस्था और शासन
- राजव्यवस्था और शासन
- रैंकिंग, रिपोर्ट, सर्वेक्षण और सूचकांक
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी
- शिक्षा
- सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- सांविधिक, विनियामक और अर्ध-न्यायिक निकाय
- स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे