​द्रविड़ कला और संस्कृति: चोल राजवंश की भूमिका

चोल राजवंश भारत के दक्षिणी क्षेत्रों में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले राजवंशों में से एक है। चोल राजवंश का काल (9वीं से 13वीं शताब्दी) दक्षिण भारत में द्रविड़ कला और संस्कृति के उत्कर्ष काल के रूप में जाना जाता है।

  • चोल वंश ने दक्षिण भारत में तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के बड़े हिस्सों पर शासन किया और उनकी कला, स्थापत्य और सांस्कृतिक विरासत आज भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

द्रविड़ कला और संस्कृति में भूमिका

  • मंदिर वास्तुकला: चोल काल के दौरान मंदिर निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति हुई। चोल शासकों ने भव्य मंदिरों का निर्माण कराया, ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री