कृषि ऋण सहकारी समितियां : डिजिटलीकरण के माध्यम से सशक्तीकरण

भारत में फिनटेक और कृषि स्टार्टअप का एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र है।

  • हाल के वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न फिनटेक और एग्रीटेक कंपनियों की स्थापना की गई है, जो विभिन्न तकनीक आधारित समाधानों की सहायता से ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं दे रही हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी ऋण संस्थाएं ऋण जुटाने और कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण सहकारी समितियों द्वारा परंपरागत रूप से कृषि ऋण की आवश्यकताओं की पूर्ति की जाती रही हैं। इसके द्वारा डिजिटल समाधानों का न्यूनतम प्रयोग होता है।
  • इसके ठीक विपरीत विभिन्न फिनटेक और एग्रीटेक कंपनियों द्वारा अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री