भारत में सहकारी समितियों का सशक्तीकरण
हाल ही में, केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘सहकारिता के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना’ के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) के गठनको मंजूरी दी गई।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, फसलों के नुकसान को कम करने के साथ-साथ फसलों की खरीद-बिक्री का विकेंद्रित तंत्र स्थापित करना है।
- वर्तमान में देश में 8.54 लाख सहकारी समितियां हैं, जिनकी सदस्य संख्या 29 करोड़ है। इनमें से 80 प्रतिशत गैर-ऋण सहकारी समितियां हैं। सहकारी समितियां ग्रामीण विकास में सहायक हैं तथा ये किसानों की आय बढ़ाने एवं भारतीय अर्थव्यवस्था के पांच ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य ....
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पत्रिका सार
- 1 कृषि ऋण सहकारी समितियां : डिजिटलीकरण के माध्यम से सशक्तीकरण
- 2 कृषि एवं ड्रोन प्रौद्योगिकी
- 3 कृषि आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
- 4 जलवायु अनुकूल कृषि हेतु रणनीतियाँ एवं पहल
- 5 सतत कृषि : मुद्दे तथा सहायक कृषि पद्धतियां
- 6 भारतीय कृषि की बदलती प्रवृत्ति
- 7 भारत में सतत कृषि विकास हेतु नवाचार
- 8 जलवायु परिवर्तन एवं समुद्री तूफान
- 9 भारतीय मानसून : उत्पत्ति, प्रसार एवं जलवायु परिवर्तन का प्रभाव