सतत कृषि : मुद्दे तथा सहायक कृषि पद्धतियां
सतत कृषि से तात्पर्य एक ऐसी कृषि पद्धति से है, जिसमें मिट्टी, पर्यावरण और समुदाय के दीर्घकालिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखा जाता है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और देश की आधी से अधिक आबादी इस पर रोजगार के लिए निर्भर है। भारत में कृषि की दीर्घकालिक लाभप्रदता सुनिश्चित करने के लिए सतत कृषि पद्धतियों की आवश्यकता है।
- सतत कृषि के अंतर्गत पर्यावरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, मानव समुदायों और पशु कल्याण को संरक्षित करते हुए भोजन तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है। इन पद्धतियों के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों जैसे मिट्टी, जल और हवा को भावी पीढ़ियों ....
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पत्रिका सार
- 1 भारत में सहकारी समितियों का सशक्तीकरण
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