ग्रेट बैरियर रीफ को खतरा
अगस्त 2024 में जर्नल नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन में यह पाया गया है कि ग्रेट बैरियर रीफ (GBR) पर समुद्र का तापमान पिछले 407 वर्षों में सबसे अधिक हो गया है।
- वॉलोन्गॉन्ग विश्वविद्यालय (UOW) के मानद फेलो और मेलबर्न विश्वविद्यालय के व्याख्याता डॉ. बेंजामिन हेनले के नेतृत्व में किए गए इस शोध में समुद्र की सतह के बढ़ते तापमान के प्रभाव के बारे में नए साक्ष्य उपलब्ध कराए गए हैं, तथा कहा गया है कि ग्रेट बैरियर रीफ पर इसका प्रभाव आगे भी जारी रहेगा।
- अध्ययन में तापमान वृद्धि के लिए मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन (Human-Induced Climate Change) को जिम्मेदार ठहराया गया ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 अरावली ग्रीन वॉल परियोजना
- 2 गंगा नदी डॉल्फिन टैगिंग
- 3 आर्कटिक में बर्फ रहित दिन
- 4 आर्कटिक टुंड्रा द्वारा कार्बन उत्सर्जन
- 5 ब्लॉब : मरीन हीट वेव
- 6 वैश्विक प्लास्टिक संधि वार्ता
- 7 विश्व के 33% रेतीले समुद्र तटों में तटीय कठोरता
- 8 नैनो-प्लास्टिक तथा एएमआर
- 9 केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना
- 10 जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक, 2025
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 अंटार्कटिका के तापमान में औसत से 10°C अधिक वृद्धि
- 2 भारत में 3 नए रामसर स्थल
- 3 राज्यों से कीटनाशकों के उपयोग पर अंकुश लगाने का आग्रह
- 4 देश में लगभग 10,600 मेगावाट भूतापीय बिजली की क्षमता
- 5 भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता
- 6 वैश्विक बाढ़ की घटनाओं में वृद्धि
- 7 अरावली पर्वतमाला को खतरा
- 8 बैलास्ट वाटर का प्रबंधन
- 9 आर्कटिक की नदियों में पारा