भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता
हाल ही में केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, भारत की स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता में पिछले एक दशक में 165% की वृद्धि हुई है। यह 2014 में 76.38 गीगावाट (GW) से बढ़कर 2024 में 203.1 गीगावाट हो गई है।
- केन्द्रीय मंत्री के अनुसार भारत, नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है। इसी प्रकार भारत पवन ऊर्जा क्षमता में चौथे तथा सौर पीवी क्षमता में पांचवें स्थान पर है।
- मार्च 2014 में, सौर ऊर्जा उत्पादन 2.82 गीगावाट था, और जून 2024 में यह लगभग 85.47 गीगावाट है। यह मूल क्षमता से लगभग ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 चक्रवात दाना
- 2 वैश्विक प्रवाल विरंजन की परिघटना
- 3 पृथ्वी को ठंडा करने हेतु जियो-इंजीनियरिंग
- 4 समुद्री हीट वेव
- 5 समुद्र के जलस्तर में वृद्धि के कारण तटीय बाढ़
- 6 वायुमंडलीय नदियों का उच्च अक्षांशों की ओर स्थानान्तरण
- 7 अंटार्कटिका में बढ़ता वनस्पति आवरण
- 8 सहारा रेगिस्तान में ब्लू लैगून
- 9 भारत द्वारा ब्लैक कार्बन का उत्सर्जन
- 10 फाइटोप्लैंकटन ब्लूम
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 ग्रेट बैरियर रीफ को खतरा
- 2 अंटार्कटिका के तापमान में औसत से 10°C अधिक वृद्धि
- 3 भारत में 3 नए रामसर स्थल
- 4 राज्यों से कीटनाशकों के उपयोग पर अंकुश लगाने का आग्रह
- 5 देश में लगभग 10,600 मेगावाट भूतापीय बिजली की क्षमता
- 6 वैश्विक बाढ़ की घटनाओं में वृद्धि
- 7 अरावली पर्वतमाला को खतरा
- 8 बैलास्ट वाटर का प्रबंधन
- 9 आर्कटिक की नदियों में पारा