बैलास्ट वाटर का प्रबंधन
हाल ही में, तमिलनाडु जल संसाधन विभाग (WRD) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को सूचित किया है कि उसने तमिलनाडु के कामराजार पोर्ट से 160 करोड़ रुपए मांगे हैं, ताकि बंदरगाह के पास तट पर आक्रामक मसल्स (Mussels) को हटाया जा सके।
- मसल्स नामक मोलस्क प्रजाति समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को बाधित करती है और मछुआरों के नावों की आवाजाही को प्रभावित करती है।
- तमिलनाडु जल संसाधन विभाग ने आरोप लगाया है कि कामराजार पोर्ट द्वारा जहाजों से आने वाले बैलास्ट वाटर (Ballast Water) को विनियमित न करना आक्रामक प्रजातियों के प्रसार का मुख्य कारण है।
- बैलास्ट वाटर जहाजों में इस्तेमाल होने वाला पानी ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 चक्रवात दाना
- 2 वैश्विक प्रवाल विरंजन की परिघटना
- 3 पृथ्वी को ठंडा करने हेतु जियो-इंजीनियरिंग
- 4 समुद्री हीट वेव
- 5 समुद्र के जलस्तर में वृद्धि के कारण तटीय बाढ़
- 6 वायुमंडलीय नदियों का उच्च अक्षांशों की ओर स्थानान्तरण
- 7 अंटार्कटिका में बढ़ता वनस्पति आवरण
- 8 सहारा रेगिस्तान में ब्लू लैगून
- 9 भारत द्वारा ब्लैक कार्बन का उत्सर्जन
- 10 फाइटोप्लैंकटन ब्लूम
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 ग्रेट बैरियर रीफ को खतरा
- 2 अंटार्कटिका के तापमान में औसत से 10°C अधिक वृद्धि
- 3 भारत में 3 नए रामसर स्थल
- 4 राज्यों से कीटनाशकों के उपयोग पर अंकुश लगाने का आग्रह
- 5 देश में लगभग 10,600 मेगावाट भूतापीय बिजली की क्षमता
- 6 भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता
- 7 वैश्विक बाढ़ की घटनाओं में वृद्धि
- 8 अरावली पर्वतमाला को खतरा
- 9 आर्कटिक की नदियों में पारा