वैश्विक बाढ़ की घटनाओं में वृद्धि
हाल ही में वाटर रिसोर्सेज रिसर्च नामक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में 2020 और 2100 के बीच वैश्विक बाढ़ की घटनाओं में 49 प्रतिशत की वृद्धि होने की भविष्यवाणी की गई है। शोधकर्ताओं के अनुसार, वैश्विक स्तर पर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन का पैटर्न जारी रहने पर ऐसा होने की संभावना है।
- शोधकर्ताओं ने अद्यतन तकनीकों का उपयोग करके एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाला वैश्विक बाढ़ मानचित्र (Global Flood Map - GFM) भी बनाया। हालांकि, बाढ़ का जोखिम विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग होगा।
- कुछ क्षेत्रों में बाढ़ के जोखिम में कमी आ सकती है, जबकि अन्य क्षेत्रों में वैश्विक औसत से ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आपदा जोखिम चेतावनी प्रणाली : कवचम
- 2 मीठे पानी के एक चौथाई जानवर विलुप्त होने के खतरे में
- 3 इंडो-बर्मी पैंगोलिन
- 4 भारत स्वच्छ प्रौद्योगिकी विनिर्माण प्लेटफॉर्म
- 5 मियावाकी तकनीक द्वारा प्रयागराज में घने जंगलों का विकास
- 6 भारत का प्रथम जैविक मत्स्य पालन क्लस्टर
- 7 डिजिटल वृक्ष आधार पहल
- 8 भारत की अक्षय ऊर्जा क्रांति
- 9 अपर-करनाली जलविद्युत परियोजना
- 10 इंदौर और उदयपुर आर्द्रभूमि शहर प्रमाणन की सूची में शामिल
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 ग्रेट बैरियर रीफ को खतरा
- 2 अंटार्कटिका के तापमान में औसत से 10°C अधिक वृद्धि
- 3 भारत में 3 नए रामसर स्थल
- 4 राज्यों से कीटनाशकों के उपयोग पर अंकुश लगाने का आग्रह
- 5 देश में लगभग 10,600 मेगावाट भूतापीय बिजली की क्षमता
- 6 भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता
- 7 अरावली पर्वतमाला को खतरा
- 8 बैलास्ट वाटर का प्रबंधन
- 9 आर्कटिक की नदियों में पारा