सेलिब्रिटी एवं इन्फ्लुएंसर्स, भ्रामक विज्ञापनों हेतु समान रूप से जिम्मेदार
7 मई, 2024 को भ्रामक विज्ञापन मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि सोशल मीडिया इन्फ़्लुएन्सर्स तथा सेलिब्रिटीज भ्रामक विज्ञापनों में उत्पादों या सेवाओं का समर्थन करते पाए जाते हैं तो वे इसके लिए समान रूप से जिम्मेदार और उत्तरदायी होंगे।
- अदालत ने कहा कि विज्ञापनों की सटीकता सुनिश्चित करना सोशल मीडिया इन्फ्लुएन्सर्स और विज्ञापनदाताओं की साझा जिम्मेदारी है।
- सुप्रीम कोर्ट ने उपभोक्ता कार्य मंत्रालय को विशेष रूप से खाद्य क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ उठाए गए कदमों की जानकारी देने का भी निर्देश दिया है।
- सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स तथा सेलिब्रिटीज द्वारा किसी उत्पाद को बढ़ावा ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 2025 'सुधारों का वर्ष' घोषित: रक्षा मंत्रालय
- 2 ‘पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो’ की समीक्षा बैठक
- 3 भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152
- 4 हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान अभियान
- 5 राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों का 25वां राष्ट्रीय सम्मेलन
- 6 सीबीआई के लिए राज्य की सहमति
- 7 केंद्रीय और राज्य सूचना आयोगों में रिक्तियों को समय पर भरने का निर्देश
- 8 समलैंगिक विवाह: सुप्रीम कोर्ट ने फैसले की समीक्षा खारिज की
- 9 आपराधिक मामले में विदेशियों की आवाजाही पर प्रतिबंध
- 10 भरण-पोषण की कार्यवाही दाम्पत्य अधिकारों के पुनर्स्थापन से स्वतंत्र

- 1 किशोरों के प्रारंभिक मूल्यांकन हेतु 3 माह की समय सीमा अनिवार्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- 2 मतदान डेटा के संबंध में चिंताएं तथा फॉर्म 17सी
- 3 'पलियार जनजाति' को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की आवश्यकता
- 4 मानक आवश्यक पेटेंट : नियामक चुनौतियां
- 5 महत्वपूर्ण खनिजों पर सम्मेलन
- 6 आपराधिक न्याय प्रणाली पर सम्मेलन
- 7 सार्वजनिक बैंक लुक-आउट सर्कुलर की सिफारिश नहीं कर सकते
- 8 नकली ऑक्सीटोसिन के उपयोग के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश
- 9 कलकत्ता हाई कोर्ट ने समाप्त किया कई वर्गों का ओबीसी दर्जा
- 10 साइबर अपराधों से निपटने के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन