स्वदेशी बीजः बुनियादी ढांचा एवं प्रबंधन

स्वदेशी बीजों (Indigenous seeds) का अर्थ उन पौधों के बीज से है, जो प्राकृतिक रूप से उस क्षेत्र विशेष के लिए अनुकूलित होते हैं, जहां उनका उपयोग किया जाता है। इनमें खाद्य फसलों से प्राप्त बीज से लेकर घास, कंटीली झाड़ियां आदि शामिल होते हैं।

  • ‘भारत की स्वदेशी फसलों पर हरित क्रांति का प्रभाव’ शीर्षक वाले 2019 में प्रकाशित एक शोध पत्र से पता चलता है कि चावल और बाजरा की स्वदेशी किस्में सूखे, लवणता और बाढ़ के प्रति प्रतिरोधी (resistant) हैं।
  • स्वदेशी बीजों का प्रयोग कर उत्पादित फसलों पर कीटों का हमला कम होता है। एकमात्र नुकसान यह है कि उनका ....
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