भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा
यूनेस्को के अनुसार, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage: ICH) में हमारे पूर्वजों से विरासत में मिली और हमारे वंशजों को हस्तांतरित परंपराओं अथवा जीवित अभिव्यक्तियों को शामिल किया जाता है। इसमें मौखिक परंपराएं, प्रदर्शन कलाएं, सामाजिक प्रथाएं, अनुष्ठान, उत्सव प्रथाएं, पारंपरिक शिल्प निर्माण संबंधी ज्ञान एवं कौशल तथा प्रकृति एवं ब्रह्मांड से संबंधित ज्ञान और प्रथाएं शामिल रहती ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 स्वतंत्रता आंदोलन में महिलाओं की सहभागिता
- 2 असहयोग आंदोलन
- 3 रूसी क्रांति: कारण तथा वैश्विक प्रभाव
- 4 औद्योगिक क्रांति का उपनिवेशवाद के प्रसार में योगदान
- 5 11वीं सदी के समाज सुधारक और संत: रामानुजाचार्य
- 6 गाँधी एवं नेहरू के सामाजिक-आर्थिक विचार: समानता एवं विभेद
- 7 ब्रिटिश शासन की नीतियां तथा आधुनिक भारत का निर्माण
- 8 दादा भाई नोरोजी की भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में भूमिका
- 9 स्वतंत्रता आन्दोलन में सुभाष चन्द्र बोस की भूमिका
- 10 वेलेजली की नीतियां एवं उनका प्रभाव