भारत में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत
यूनेस्को ने दुनिया भर में महत्वपूर्ण ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों’ की सुरक्षा तथा उनके महत्व के संदर्भ में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से अपनी एक सूची स्थापित की है। इस सूची की स्थापना वर्ष 2008 में की गई थी, जब 2003 का ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए कन्वेंशन’ प्रभावी हुआ था। वर्तमान समय तक भारत की 14 अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों को इस सूची में शामिल किया गया हैः
- वैदिक जप की परंपरा (2008)
- रामलीला, रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन (2008)
- कुटियाट्टम, संस्कृत थिएटर (2008)
- रमन, गढ़वाल हिमालय (2009)
- मुदियेट्टू, केरल (2010)
- कालबेलिया लोक गीत और नृत्य, राजस्थान (2010)
- छऊ नृत्य (2010)
- लद्दाख का बौद्ध जप (2012)
- संकीर्तन, मणिपुर ....
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