द्रविड़ आंदोलन

द्रविड़ आंदोलन की अवधारणा का मूल तमिलनाडु में चले ब्राह्मणवाद विरोधी आंदोलन में देखा जा सकता है, जहां वंचित वर्गों द्वारा सामाजिक समता और वृहत शक्ति एवं नियंत्रण की आरंभिक मांगें की गई थीं। समय के साथ, इससे एक अलगाववादी आंदोलन भी निकल कर सामने आया, जिसमें तमिल लोगों के लिये एक अलग संप्रभु राज्य की मांग की गई।

आंदोलन की पृष्ठभूमि

  • जस्टिस पार्टीः औपचारिक रूप से द्रविड़ आंदोलन का आरंभ वर्ष 1916 में मद्रास में ‘जस्टिस पार्टी’ की स्थापना से माना जाता है। ‘जस्टिस पार्टी’ अथवा ‘दक्षिण भारतीय लिबरल फेडरेशन’ के नाम से जानी जाने वाली इस पार्टी के ....

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