ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को पुनर्जीवित करना
ओलंपिक में भारत की हालिया सफलता एक सराहनीय उपलब्धि है। इस सफलता में कई एथलीट ग्रामीण भारत से हैं। इनमें से कई खेलों की जड़ें प्राचीन भारतीय खेल परंपरा में पाई जाती हैं। हाल के दिनों में, भारत सरकार और राज्य सरकारों ने पेशेवर खेलों के लिए एथलीटों को तैयार करने के लिए कई पहलें की हैं।
- हालांकि, भारत को सही मायने में एक खेल राष्ट्र के रूप में उभरने में अभी एक लंबा रास्ता तय करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्कूलों और कॉलेजों में खेल को पाठड्ढक्रम के गैर-अलगाव योग्य हिस्से के रूप में एकीकृत करने का अवसर प्रदान ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 पारंपरिक ज्ञान प्रणाली
- 2 कृषि का नारीकरण
- 3 क्षेत्रवाद की चुनौती : सांस्कृतिक मुखरता और असमान क्षेत्रीय विकास
- 4 ग्रामीण महिलाएं: आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्व
- 5 वैश्वीकरण के सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक प्रभाव
- 6 सामाजिक मूल्यों पर बढ़ती सांप्रदायिकता का प्रभाव
- 7 भारतीय मीडिया में लैंगिक रूढ़िबद्धता
- 8 महिलाओं के लिए स्वामित्व का अधिकार: मुद्दे एवं समाधान
- 9 पॉपुलेशन एजिंग: चुनौतियां एवं सामाजिक निहितार्थ
- 10 महिलाओं की श्रम बल में घटती भागीदारी: कारण एवं सुझाव