आपदा प्रेरित विस्थापन
ऐतिहासिक काल से लोगों या समुदायों को पर्यावरणीय कारणों से पलायन करना पड़ा है। वर्तमान में भी बाढ़, चक्रवात आदि विविध आपदाओं के कारण लोगों को एक से दूसरे जगह प्रवास करना पड़ता है। जलवायु परिवर्तन के समग्र प्रभाव के कारण जलवायु आपदाओं और चरम मौसम की घटनाओं के बढ़ने की संभावना है, जिससे आने वाले समय में आपदा प्रेरित विस्थापन (Disaster Induced Displacement) व्यापक पैमाने पर होने की संभावना हैं।
आपदा प्रेरित विस्थापन: वर्तमान स्थितियां
- वैश्विकः पिछले 30 वर्षों में, समुद्र के बढ़ते स्तर के उच्च जोखिम वाले तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की संख्या 160 मिलियन से ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना : आवश्यकता एवं पहल
- 2 भारत में भूस्खलन: कारण और परिणाम
- 3 सांस्कृतिक विरासत हेतु आपदा जोखिम प्रबंधन
- 4 भारत: भूस्खलन सुभेद्यता
- 5 भारत में वनाग्नि
- 6 आपदा जाखिम में कमी
- 7 चरम मौसमी घटनाएं एवं भारत की तैयारी
- 8 सामान्य अध्ययन 100 अति संभावित विषय - आपदा प्रबंधन (जीएस पेपर-3)
- 9 सामान्य अध्ययन 100 महत्वपूर्ण विषय - आपदा प्रबंधन (जीएस पेपर-3)
- 10 सामान्य अध्ययन 90 महत्वपूर्ण विषय - आपदा प्रबंधन (जीएस पेपर-3)