बृहद खाद्य भंडारण योजनाः चुनौतियाँ तथा आगे की राह

  • ‘नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस’ (NAAS) के एक अध्ययन के अनुसार भारत में सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों की कटाई के बाद होने वाली हानि का प्रमुख कारण भंडारण क्षमता की कमी है।
  • क्षेत्रीय स्तर पर, केवल कुछ दक्षिणी राज्यों में भंडारण क्षमता 90% या उससे अधिक है। उत्तर प्रदेश एवं बिहार जैसे उत्तरी राज्यों में यह 50% से नीचे है।
  • खाद्य हानि (कृषि, बागवानी, दूध, मांस और मछली) का मूल्य प्रतिवर्ष 1,40,000 करोड़ रुपये से अधिक हो जाता है।
  • सहकारिता मंत्रालय ने देश भर में ‘प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS)’ के माध्यम से एकीकृत अनाज भंडारण सुविधाओं के एक ....
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