एक भारतीय प्रशासन और सार्वजनिक सेवाओं में एआई
- ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम वर्ष 1956 में जॉन मैकार्थी द्वारा किया गया था।
- पिछले दशक में भारत ने ‘डिजिटल इंडिया’ कार्यक्रम के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन के लिए एक विशिष्ट दृष्टिकोण निर्मित किया है।
- हाल ही में, एक रिपोर्ट से पता चला है कि जेनरेटिव AI वर्ष 2030 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 1.5 ट्रिलियन डॉलर तक का योगदान करने की क्षमता रऽता है।
- नव-वित्तपोषित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनियों की संख्या में भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर भारत पांचवें स्थान पर है।
- पिछले दो वर्षों में भारत में ‘जेनरेटिव AI स्टार्टअप्स’ के क्षेत्र ....
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पत्रिका सार
- 1 आर्टिफि़शियल इंटेलिजेंस (AI) का परिदृश्य
- 2 वैश्विक कल्याण के लिए एआई का उपयोग करने का भारत का दृष्टिकोण
- 3 भारत का तकनीकी सेवा उद्योग तथा जेनरेटिव एआई
- 4 जेनरेटिव एआई की संभावना, दोहन और चुनौतियां
- 5 सरकारी मामलों में जेनरेटिव एआई का प्रयोग
- 6 आर्टिफि़शियल इंटेलिजेंस और मीडिया का भविष्य
- 7 मीडिया में बदलाव लाने में एआई की भूमिका
- 8 नागरिक सेवाओं के लिए AI की भूमिका और दायरा
- 9 कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से दृष्टिबाधिात दिव्यांगजनों का जीवन सुगम
- 10 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में साइबर सुरक्षा की चुनौतियां
- 11 खाद्य भंडारण: महत्वपूर्ण तथ्य
- 12 सतत खाद्य प्रणालियों के विकास की आवश्यकता
- 13 वेयरहाउसिंग क्षेत्र की वर्तमान चुनौतियां और समाधान
- 14 खाद्य सुरक्षा का संस्थागत प्रबंधानः एफ़सीआई की भूमिका
- 15 बृहद खाद्य भंडारण योजनाः चुनौतियाँ तथा आगे की राह
- 16 भंडारण सुविधाओं के विकास से कृषि को नई ऊंचाई देने की तैयारी
- 17 खाद्य भंडारण अवसंरचना में उद्यमशीलता के अवसर
- 18 ओडीओपीः मूल्य श्रृंखला विकास के लिए रूपरेखा
- 19 भारत को वैश्विक खाद्य बास्केट बनाने हेतु योजनाएं
- 20 भारत में पारंपरिक भंडारण संरचनाएं और प्रथाएं
- 21 एनडीएमसी स्कूल वार्षिक विज्ञान मेला
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