सार्वजनिक ऋण प्रबंधन: चुनौतियां और आगे की राह
सार्वजनिक ऋण किसी देश की सरकार द्वारा उधार लिए गए धन का कुल योग होता है। यह विभिन्न स्रोतों से उधार लिया जा सकता है, जैसे कि बैंक, अन्य सरकारें और आम जनता।
- सार्वजनिक ऋण प्रबंधन एक देश की आर्थिक स्थिरता और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
- यह सरकार के द्वारा उधार लिए गए ऋणों को नियंत्रित करने और उसका कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है।
सार्वजनिक ऋण प्रबंधन की चुनौतियां
- ऋण की बढ़ती लागत: वैश्विक या घरेलू वित्तीय बाजारों में ब्याज दरें बढ़ जाने पर सरकारी ऋण की लागत बढ़ सकती है, जिससे बजट पर दबाव ....
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मुख्य विशेष
- 1 भारत में फार्मा क्षेत्र का विनियमन
- 2 भारत की कृषि-सब्सिडी और विश्व व्यापार संगठन के मानदंड
- 3 मौद्रिक नीति और गरीबी उन्मूलन: चुनौतियां और सुझाव
- 4 बेहतर पोषण के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार
- 5 कृषि विपणन में सुधार की आवश्यकता
- 6 FRBM अधिनियम: राजकोषीय विवेक बनाम आकस्मिक बाध्यताएं
- 7 MSME का सुदृढ़ीकरण: अवसर और चुनौतियां