​जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत निवारक निरोध

हाल ही में, जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय ने जफर अहमद पैर्रे (Jaffar Ahmad Parray) को रिहा करने का आदेश दिया, जिन्हें राज्य के सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, 1978 के तहत हिरासत में लिया गया था।

  • यह अधिनियम किसी व्यक्ति को 'राज्य की सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव' से खतरा उत्पन्न होने की संभावना की स्थिति में, बिना किसी मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।
  • इस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों को केंद्र शासित प्रदेश के बाहर की जेलों में भेज दिया जाता है, जिससे वे अपने परिजनों से संपर्क नहीं रख ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें

वार्षिक सदस्यता लें मात्र 600 में और पाएं...
पत्रिका की मासिक सामग्री, साथ ही पत्रिका में 2018 से अब तक प्रकाशित सामग्री।
प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा पर अध्ययन सामग्री, मॉक टेस्ट पेपर, हल प्रश्न-पत्र आदि।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित चुनिंदा पुस्तकों का ई-संस्करण।
पप्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के चुनिंदा विषयों पर वीडियो क्लासेज़।
क्रॉनिकल द्वारा प्रकाशित पुस्तकों पर अतिरिक्त छूट।

नियमित स्तंभ