प्राचीन स्‍मारक तथा पुरातत्‍वीय स्‍थल और अवशेष अधिनियम

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने मई 2022 में दिल्ली की एक अदालत में प्रस्तुत हलफनामे में कहा है कि कुतुब मीनार परिसर उपासना स्थल नहीं है और अब इसके चरित्र/प्रकृति को नहीं बदला जा सकता है।

महत्वपूर्ण तथ्य: ASI का कहना है, जब इसे पहली बार 1914 में संरक्षित स्मारक के रूप में अधिसूचित किया गया था, उस समय भी यह उपासना स्थल नहीं था। यह निर्जीव स्मारक है अर्थात यहाँ पहले से उपासना/पूजा का कोई प्रावधान नहीं था।

  • कुतुब मीनार 1958 के प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम [Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains Act (AMASR ....
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