सिविल सेवा में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की भूमिका

सिविल सेवा में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की भूमिका

किसी भी व्यक्ती की स्वयं तथा दूसरों के व्यवहार और भावनाओं का विश्लेषण करने एवं उनका प्रबंधन करने की क्षमता को भावनात्मक बुद्धि कहा जाता है। प्रमुख मनोवैज्ञानिक डेनियल गोलमैन ने भावनात्मक बुद्धि को 5 क्षमताओं के समूह के रूप में परिभाषित किया है- 1. आत्म-जागरूकता, 2.आत्म-प्रबंधन, 3.आत्म-अभिप्रेरण, 4.समानुभूति, 5.सामाजिक कौशल।

सिविल सेवा में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की आवश्यकता

भावनात्मक बुद्धि की समझ रखने वाला एक सिविल सेवक अपने निजी एवं व्यवसायिक संबंधों में सदैव सुरक्षित एवं मजबूत महसूस करता है।

  • वर्तमान समय में प्रशासनिक कार्यों की जटिलता में वृद्धि होने के कारण सिविल ....
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