कृषि अर्थव्यवस्था में प्रौद्योगिकी के समावेशन से संबंधित पर्यावरणीय एवं नैतिक मुद्दे

  • नवीन प्रौद्योगिकी बनाम जैव विविधता संरक्षणः जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग कर कृषि उत्पादकता को बढ़ाया तो जा सकता है मगर इसके साथ ही इनसे जैव विविधता की हानि होने की भी संभावना होती है। आनुवंशिक संशोधन का प्रयोग कर आनुवंशिक रूप से संशोधित पशु और फसलों का उत्पादन किया जा सकता है।
  • ऐसा संभव है कि नई प्रजातियां अधिक प्रभावशाली सिद्ध हो और मौजूदा प्रजातियां खत्म हो जाए।
  • बड़े कृषक अधिक धनी एवं गरीब कृषक अधिक विपन्नः उन्नत प्रौद्योगिकी आमतौर पर महंगी होती है और गरीब एवं सीमांत किसानों द्वारा अपनाए जाने की राह में अनेक बाधाएं होती हैं। उदाहरण के लिए ....
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