मोटे अनाज को प्रोत्साहन

विशेषज्ञ, मोटे अनाजों को 21वीं सदी की एक आदर्श फसल मानते हैं, जो जलवायु परिवर्तन तथा बढ़ती वैश्विक जनसंख्या के संदर्भ में खाद्य सुरक्षा की समस्या का एक संभावित समाधान हो सकता है।

  • मोटे अनाजों में पौष्टिक तत्वों की अधिकता होती है, अतः इसे अधिक से अधिक अपनाए जाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देकर पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। ज्ञातव्य है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2023 को
  • ‘मोटे अनाजों के लिए अंतरराष्ट्रीय वर्ष’ के रूप में मनाया जा रहा है।

मोटे अनाज

  • मोटे अनाजों के अंतर्गत ज्वार (Jowar), बाजरा (Pearl Millet), रागी या मड़ुवा (Finger Millet), सावां ....
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