पुरस्कार/सम्मान
ब्रिगेडियर सरस्वती को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2020
15 सितंबर, 2021 को एक आभासी समारोह में, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सैन्य नर्सिंग सेवा (MNS) की उप महानिदेशक ब्रिगेडियर एस- वी- सरस्वती को राष्ट्रीय फ्रलोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड 2020 से सम्मानित किया।
- उन्हें सैन्य नर्सिंग सेवा में नर्स प्रशासक के रूप में उनके अपार योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
- एक प्रसिद्ध ऑपरेशन थिएटर नर्स के रूप में, ब्रिगेडियर सरस्वती ने 3,000 से अधिक जीवन रक्षक और आपातकालीन सर्जरी में सहायता की है।
- ब्रिगेडियर सरस्वती आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रहने वाली हैं और उन्होंने 28 दिसंबर, 1983 को सैन्य नर्सिंग सेवा में कार्य करना शुरू किया था।
- उनकी सराहनीय और विशिष्ट सेवा के सम्मान में, उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ कमेंडेशन (2005), संयुक्त राष्ट्र मेडल (MONOC) (2007) और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन (2015) से भी सम्मानित किया गया है।
- ब्रिगेडियर सरस्वती के आलावा 50 अन्य नर्सों को भी राष्ट्रीय फ्रलोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2020 प्रदान किया गया।
राष्ट्रीय फ्रलोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कारः यह एक ऐसा सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है, जिसे किसी नर्स को उनकी निःस्वार्थ सेवा और असाधारण कार्यकुशलता के लिए प्रदान किया जाता है।
- वार्षिक पुरस्कार की स्थापना 1973 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा की गई थी।
- विजेताओं को 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार, एक प्रमाण पत्र, एक प्रशस्ति पत्र और एक पदक से सम्मानित किया जाता है।
आध्या अरविंद शंकर को वर्ष 2021 का चिल्ड्रन पीस इमेज ऑफ द ईयर पुरस्कार
21 सितंबर, 2021 को वियना में ऑस्ट्रियाई संसद में आयोजित एक समारोह में, बैंगलोर की रहने वाली सात वर्षीय लड़की आध्या अरविंद शंकर को प्रतिष्ठित ‘ग्लोबल पीस फोटो अवॉर्ड 2021’ (Global Peace Photo Award 2021) में ‘चिल्ड्रन पीस इमेज ऑफ द ईयर’ (Children's Peace Image of the Year) श्रेणी में सम्मानित किया गया।
- आध्या को ‘द लैप ऑफ पीस’ (ज्ीम स्ंच वि च्मंबम) नामक एक तस्वीर के लिए पुरस्कृत किया गया, जिसमें उनकी मां को उनकी नानी की गोद में दिखाया गया है।
- वह वयस्क या बच्चों की श्रेणी में पुरस्कार पाने वाली पहली भारतीय हैं। उन्हें एक डिप्लोमा, एक पदक और 1,000 यूरो का चेक प्रदान किया गया।
ग्लोबल पीस फोटो अवॉर्डः यह पुरस्कार दुनिया भर के उन फोटोग्राफरों को मान्यता देता है और बढ़ावा देता है, जिनकी तस्वीरें शांतिपूर्ण दुनिया के लिए मानवीय प्रयासों को दर्शाती हैं।
- यह पुरस्कार लैमरहुबेर एडिशंस (Lammerhuber Editions) द्वारा यूनेस्को और ऑस्ट्रियाई संसद के साथ साझेदारी में प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
साहित्य अकादमी फैलोशिप
प्रख्यात अंग्रेजी लेखक रस्किन बॉन्ड, हिंदी लेखक विनोद कुमार शुक्ला और छः अन्य को 18 सितंबर, 2021 को साहित्य अकादमी फैलोशिप के लिए चुना गया।
- फेलोशिप पाने वाले अन्य लोगों में सिरशेंदु मुखोपाध्याय (बंगाली), एम लीलावती (मलयालम), डॉ. भालचंद्र नेमडे (मराठी), डॉ. तेजवंत सिंह गिल (पंजाबी), स्वामी रामभद्राचार्य (संस्कृत), इंदिरा पार्थसारथी (तमिल) शामिल हैं।
- 24 भारतीय भाषाओं में साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार 2020 की भी घोषणा की गई।
- विवेक शानभाग द्वारा लिखित और श्रीनाथ पेरूर द्वारा अनुवादित कन्नड़ उपन्यास ‘घाचर घोचर’ का अंग्रेजी अनुवाद और टीईएस राघवान द्वारा तिरुवल्लुवर के ‘थिरुक्कुरल’ के हिंदी अनुवाद ने 22 अन्य लोगों के साथ पुरस्कार जीता।
- अनुवाद पुरस्कार में प्रत्येक पुस्तक के अनुवादकों को 50,000 रुपये और एक तांबे की पट्टिðका प्रदान की जाती है।
ICRISAT ने जीता अफ्रीका खाद्य पुरस्कार 2021
8 सितंबर, 2021 को ‘अंतरराष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान’ (ICRISAT) को उप-सहारा अफ्रीका में 13 देशों में ‘खाद्य सुरक्षा में सुधार करने वाले कार्य’ के लिए ‘अफ्रीका खाद्य पुरस्कार 2021’ से सम्मानित किया गया है।
- 2007 और 2019 के बीच, ICRISAT ने ‘ट्रॉपिकल लेग्यूम्स प्रोजेक्ट’ (Tropical Legumes Project) का नेतृत्व किया।
- इस परियोजना ने 266 उन्नत फलियां किस्म और लगभग आधा मिलियन टन बीज विकसित किए, जिसमें लोबिया, अरहर, चना, सेम, मूंगफली और सोयाबीन शामिल हैं।
ICRISAT: यह एक गैर-लाभकारी, गैर-राजनीतिक सार्वजनिक अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संगठन है, जो एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में विकास के लिए दुनिया भर में भागीदारों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ कृषि अनुसंधान करता है। इसका वैश्विक मुख्यालय हैदराबाद के पास पाटनचेरु में स्थित है।
पुरस्कार के बारे में: अफ्रीका खाद्य पुरस्कार उत्कृष्ट अफ्रीकी व्यक्तियों और संस्थानों को निम्न क्षेत्रों में अग्रणी प्रयासों के लिए पुरस्कृत करता है-
- अफ्रीका की खाद्य प्रणालियों का परिवर्तन; टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना; आय बढ़ाने हेतु छोटे किसानों के लिए समर्थन; जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के मद्देनजर लचीलापन; और उच्च गुणवत्ता वाले कृषि आदानों (inputs), ज्ञान और उपकरणों तक पहुंच।
- अफ्रीका खाद्य पुरस्कार समिति द्वारा दिए जाने वाले इस पुरस्कार की राशि 100,000 डॉलर है।
एनआईओएस को यूनेस्को किंग सेजोंग साक्षरता पुरस्कार 2021
8 सितंबर, 2021 को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) को प्रतिष्ठित यूनेस्को किंग सेजोंग साक्षरता पुरस्कार 2021 के विजेताओं में से एक के रूप में चुना गया है।
- एनआईओएस को ‘भारतीय सांकेतिक भाषा (Indian Sign Language: ISL) आधारित सामग्री पर ध्यान देने के साथ, प्रौद्योगिकी-सक्षम समावेशी शिक्षण सामग्री के माध्यम से दिव्यांगजनों की शिक्षा को सक्षम करने’ के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।
- यूनेस्को किंग सेजोंग साक्षरता पुरस्कार 2021 के अन्य विजेता दक्षिण अफ्रीका और ग्वाटेमाला हैं। जबकि आइवरी कोस्ट, मिस्र और मैक्सिको को ‘साक्षरता के लिए यूनेस्को कन्फ्यूशियस पुरस्कार 2021’ से सम्मानित किया गया।
- इस वर्ष यूनेस्को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार का विषय ‘समावेशी दूरस्थ और डिजिटल साक्षरता अधिगम’ (inclusive distance and digital literacy learning) था।
यूनेस्को किंग सेजोंग साक्षरता पुरस्कारः इसकी स्थापना 1989 में कोरिया गणराज्य की सरकार के सहयोग से की गई थी।
- यह पुरस्कार उन सरकारों या सरकारी एजेंसियों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की गतिविधियों को दिया जाता है, जो साक्षरता की लड़ाई में योगदान देने में विशेष रूप से प्रभावी परिणाम प्राप्त करते हैं।
- पुरस्कार में 20,000 डॉलर की राशि, एक रजत पदक और एक डिप्लोमा शामिल है।
बहलर कछुआ संरक्षण पुरस्कार 2021
सितंबर 2021 में भारतीय जीव-विज्ञानी शैलेंद्र सिंह को तीन ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त’ कछुआ प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाने के लिए ‘बहलर कछुआ संरक्षण पुरस्कार 2021’ (Behler Turtle Conservation Award 2021) से सम्मानित किया गया है।
- ये प्रजातियां रेड-क्राउंड रूफ्ड टर्टल (बटागुर कछुगा), नॉर्दर्न रिवर टेरापिन (बटागुर बस्का), और ब्लैक सॉफ्टशेल टर्टल (निल्सोनिया नाइग्रिकन्स) हैं।
- रेड-क्राउंड रूफ्ड टर्टल को चम्बल में; नॉर्दर्न रिवर टेरापिन को सुंदरबन में; तथा ब्लैक सॉफ्टशेल टर्टल को असम के विभिन्न मंदिरों में संरक्षित किया जा रहा है।
पुरस्कार के बारे में: यह पुरस्कार टर्टल सर्वाइवल एलायंस (TSA), आईयूसीएन/स्पीशीज सर्वाइवल कमीशन कछुआ और मीठे पानी का कछुआ विशेषज्ञ समूह (TFTSG), टर्टल कंजर्वेंसी (TC) और कछुआ संरक्षण कोष (TCF) चार संगठनों द्वारा सह-प्रस्तुत किया गया है।
- इस पुरस्कार को 2006 में एंडर्स रोडिन और रिक हडसन द्वारा स्थापित किया गया था। इसे व्यापक रूप से कछुआ संरक्षण और जीव विज्ञान का ‘नोबेल पुरस्कार’ माना जाता है।
- यह पुरस्कार ब्रोंक्स जू, वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी, न्यूयॉर्क में सरीसृप विज्ञान के पूर्व संग्रहाध्यक्ष जॉन बहलर की कछुआ संरक्षण विरासत से जुड़ा हुआ है।
- पहली बार 2006 में अमेरिका के एडवर्ड ओ- मोल को यह पुरस्कार प्रदान किया गया था।
प्रो. एस.के. जोशी प्रयोगशाला उत्कृष्टता पुरस्कार
भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) ने 16 सितंबर, 2021 को सरकार और उद्योग जगत के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों केबीच प्रो. एस. के. जोशी प्रयोगशाला उत्कृष्टता पुरस्कार का शुभारंभ किया।
- यह पुरस्कार देश में प्रयोगशाला गुणवत्ता और प्रदर्शन में सुधार को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया देश का अपनी तरह का पहला प्रयोगशाला उत्कृष्टता पुरस्कार है।
- स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण सहित प्रचलित राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता प्रणाली कानूनों के अनुरूप तथा उच्च गुणवत्ता परीक्षण के अनुरुप सेवाएं प्रदान करने वाली प्रयोगशाला की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए इस पुरस्कार की शुरुआत की गई है।
जीके फ़ैक्ट
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रेमन मैग्सेसे पुरस्कार 2021
31 अगस्त, 2021 को नोबेल पुरस्कार के एशियाई संस्करण के रूप में माने जाने वाले ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार 2021’ की घोषणा की गई।
विजेताः
1.खोजी पत्रकारिता के लिए इंडोनेशियाई संगठन ‘वॉचडॉक’ (Watchdoc); 2. पाकिस्तान के सूक्ष्म वित्त क्षेत्र में अग्रणी ‘मुहम्मद अमजद साकिब’; 3. फिलीपीन्स के मछुआरे और सामुदायिक पर्यावरणविद् ‘रॉबर्टो बैलोन’; 4. दक्षिण-पूर्व एशिया में मानवीय कार्य और शरणार्थी सहायता के लिए अमेरिकी ‘स्टीवन मुंसी’; 5. बांग्लादेशी वैक्सीन वैज्ञानिक, ‘फिरदौसी कादरी’;
- रेमन मैग्सेसे पुरस्कार का नाम फिलीपींस के तीसरे राष्ट्रपति ‘रेमन मैग्सेसे’ के नाम पर रखा गया है। इसे 1957 में स्थापित किया गया था।
- यह पुरस्कार जाति, पंथ, लिंग या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना एशिया में उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्टता हासिल की है। ऐसे कुछ उदाहरण हैं जहां विजेता गैर-एशियाई देशों से हैं लेकिन उन्होंने एशिया में कुछ कार्य किया है।
इंस्पायर - मानक पुरस्कार
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने 8 सितंबर, 2021 को एक आभासी समारोह के दौरान ‘8वें इंस्पायर - मानक पुरस्कार’ (8th INSPIRE – MANAK Awards) प्रदान किये।
- ‘इंस्पायर’ (Innovation in Science Pursuit for Inspired Research: INSPIRE) योजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है।
- इंस्पायर पुरस्कार - मानक (Million Minds Augmenting National Aspirations and Knowledge: MANAK) को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन - इंडिया (NIF) के साथ संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जा रहा है।
- वर्ष 2016 में, इंस्पायर योजना को नया रूप दिया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ पहल हेतु कार्य योजना के साथ जोड़ा गया।
- ‘इंस्पायर पुरस्कार- मानक’ योजना का लक्ष्य कक्षा 6 से 10वीं के 10-15 वर्ष के आयु वर्ग के छात्रों को भविष्य के नवप्रवर्तक और महत्वपूर्ण विचारक बनने के लिए प्रेरित करना है।
- योजना का उद्देश्य स्कूली बच्चों में रचनात्मकता और नवीन सोच की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान और सामाजिक अनुप्रयोगों में निहित दस लाख मूल विचारों / नवाचारों को लक्षित करना है।
राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार 2019-20
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 24 सितंबर, 2021 को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम में राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार 2019-20 प्रदान किए।
- वर्ष 2019-20 के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार तीन अलग-अलग श्रेणियों- विश्वविद्यालय/+2 परिषद, एनएसएस इकाइयों एवं उनके कार्यक्रम अधिकारी तथा एनएसएस स्वयंसेवक को दिए गए। इन श्रेणियों में कुल 42 पुरस्कार दिए गए।
- युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय का युवा कार्यक्रम विभाग हर साल एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के लिए दिए गए उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार प्रदान करता है।
जीके फ़ैक्ट
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7वें विजिटर पुरस्कार 2021
25 अगस्त, 2021 को राष्ट्रपति भवन ने केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्यों और छात्रों से 7वें विजिटर पुरस्कार 2021 (7th Visitor's Awards 2021) के लिए विभिन्न श्रेणियों में आवेदन आमंत्रित किए।
- इन श्रेणियों में 1. नवाचार के लिए विजिटर पुरस्कार, 2. (अ) मानविकी, कला और सामाजिक विज्ञान (c) भौतिक विज्ञान और (स) जैविक विज्ञान में शोध के लिए विजिटर पुरस्कार तथा 3. प्रौद्योगिकी विकास के लिए विजिटर पुरस्कार शामिल हैं।
- इन पुरस्कारों की स्थापना 2014 में केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और उत्कृष्टता हासिल करने की दिशा में विश्व भर की बेहतर पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की गई थी।
- भारत के राष्ट्रपति केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के विजिटर के रूप में इन पुरस्कारों को प्रदान करते हैं।