धर्मांतरणरोधी विधेयक-2022 पारित
21 सितंबर, 2022 को कर्नाटक विधानसभा द्वारा "धर्मांतरण रोधी विधेयक" पारित किया गया। इसके साथ ही वह अध्यादेश वापस ले लिया गया, जो इस विधेयक के पारित होने से पूर्व लाया गया था।
विधेयक संबंधी प्रावधान
15 सितंबर को विधान परिषद द्वारा इस विधेयक को पारित किया गया था। इसके तहत दोष सिद्ध होने पर 3 से 5 वर्ष तक की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा पीड़ित पक्ष नाबालिग, महिला, अनुसूचित जाति या जनजाति का होने पर तीन से दस साल की सजा और 50 हजार रुपये या उससे अधिक जुर्माने का प्रावधान है।
- विधेयक के अनुसार, दोष सिद्ध होने पर आरोपी को धर्मांतरित व्यक्ति को पांच लाख रुपये तक मुआवजा देना पड़ सकता है।
- सामूहिक स्तर पर धर्मांतरण कराने पर 3 से 10 साल जेल की सजा और 1 लाख रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है।
- विधेयक के अनुसार, अवैध रूप से धर्मांतरण करवाने के उद्देश्य से की गई शादी को पारिवारिक अदालत द्वारा रद्द किया जा सकता है।