थोक मूल्य मुद्रास्फ़ीति में वृद्धि
हाल ही में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार थोक मूल्य मुद्रास्फीति मई, 2022 माह में बढ़कर 15.88% हो गई, जो अप्रैल में 15.08 प्रतिशत थी।
महत्वपूर्ण तथ्यः मई 2022 में थोक मूल्य मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खाद्य पदार्थों, मूल धातुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों व खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।
- मंत्रालयों के आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति अब 14 महीनों के लिए दोहरे अंकों में बनी हुई है, जो वैश्विक कमोडिटी कीमतों, विशेष रूप से तेल की बढ़ी हुई कीमतों को दर्शाती है।
GK फैक्ट मुद्रास्फीति का मापन
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आर्थिक परिदृश्य
- 1 वन लाइनर सामयिकी
- 2 मासिक भत्तों के वितरण के लिए पे रोल ऑटोमेशन
- 3 आवास ऋण
- 4 इंडिया रिसर्जेंस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी
- 5 हर टाइम ईएमआई ऑन टाइम
- 6 वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (V-CIP)
- 7 मिलथ को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड
- 8 धन संचय
- 9 ENJOI बचत खाता
- 10 फ़ैक्टर ऑफ़ ऑथेंटिकेशन
- 11 इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड की मान्यता रद्द
- 12 म्यूचुअल फ़ंड सलाहकार समिति
- 13 वन लाइनर सामयिकी
- 14 विशेष आहरण अधिकार
- 15 महत्वपूर्ण सूचना बुनियादी ढांचा
- 16 अमेरिका भारत का शीर्ष व्यापारिक भागीदार
- 17 विदेशी मुद्रा भंडार
- 18 रेपो दर में 50 आधार अंक की वृद्धि
- 19 भारत गौरव ट्रेन
- 20 कृषि भूमि मूल्य सूचकांक
- 21 माई पैड माई राइट प्रोग्राम
- 22 एसएमबी साथी उत्सव पहल
- 23 सिक्कों की एक विशेष श्रृंखला
- 24 डीएसडीपी उत्कृष्टता पुरस्कार
- 25 EASE 5.0 सुधार एजेंडा
- 26 ग्रीन ओपन एक्सेस नियम 2022
- 27 आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2020-21
- 28 व्यापार घाटे में वृद्धि
- 29 रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता
- 30 न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि