पश्चिमी घाट में दर्ज की गई घोंघे की नई प्रजाति
‘यूरोपियन जर्नल ऑफ टैक्सोनॉमी’ (European Journal of Taxonomy) में प्रकाशित शोध के अनुसार पश्चिमी घाट में घोंघे की एक नई प्रजाति ‘रात्रिचर अर्ध स्लग’ (nocturnal semi slug) की पहचान की गई है, जो विज्ञान के लिए नई है।
महत्वपूर्ण तथ्यः इसका नाम ‘वरदिया अंबोलेंसिस’ (Varadia amboliensis) है, जो चमकदार भूरा या भूरा सफेद तथा गहरे अनियमित काले धब्बेदार त्वचा के साथ अधिकतम 6.9 सेमी लंबा है।
- इस नई भू-प्रजाति का नाम भारतीय सरीसृप विज्ञानी ‘वरद गिरि’ के नाम पर सरीसृप के अध्ययन और संरक्षण में उनके परिवर्तनकारी योगदान के लिए रखा गया है, जबकि प्रजाति का नाम ‘अंबोलेंसिस’ महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के अंबोली क्षेत्र को संदर्भित करता है।
- अर्ध-स्लग के खोल (shell) शरीर की तुलना में अपेक्षाकृत छोटे होते हैं, खोल अक्सर आंशिक रूप से या लगभग पूरी तरह से घोंघे की त्वचा ‘मेंटल’ (mantle) के विस्तार से ढके होते हैं।
- अर्ध-स्लग उत्तरी और मध्य पश्चिमी घाट में स्थानिक है और मुख्य रूप से प्राकृतिक वनों में पाया जाता है।
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